टिड्डियों का जीवन चक्र|Life Cycle Of Locusts
टिड्डियां पूरी दुनिया में खेती को तबाह कर रही हैं। भारत में टिड्डियों का प्रजनन केंद्र राजस्थान और गुजरात का पाकिस्तान से लगा सीमावर्ती क्षेत्र है। टिड्डियों के प्रकोप से बचने के लिए, यदि हमें इसके जीवन चक्र का पता हो, तो सही मौके पर रोकथाम के उपायों को अपनाकर भारी नुकसान से बचा जा सकता है। टिड्डियों के बारे में छोटे-बड़े सभी जानना चाहते हैं।
टिड्डी एक प्रकार के कीट होती है जिन्हें अकेले रहना अच्छा लगता है। लेकिन, मुसीबत में ये एक होकर झुंड बना लेती हैं जिसे टिड्डी दल कहते हैं। टिड्डी दल, पेड़ों की सारी हरियाली खत्म कर देते हैं। इसलिए, वे किसानों व खेती के दुश्मन हैं।
टिड्डी का आकार और रूप-रंग
टिड्डी 6 पैरों वाली कीट हैं जिसकी लंबाई 5 सेमी तक हो सकती है। एक वयस्क टिड्डी के पंख लंबे होते हैं जिससे वे लंबी दूरियाँ तय कर सकती हैं। अकेली होने पर हरे-भूरे रंग की दिखाई देती है जो पेड़ों में छिपने के काम आता है। बड़े होने पर टिड्डी पीले रंग की हो जाती है। इनका पिछला पैर फुदकने के काम आता है।
शरीर से लचीली है टिड्डी
टिड्डी का पूरा शरीर खंडों में विभक्त रहता है। अलग-अलग प्लेटों से लचीले ऊतक जुड़े रहते हैं जिससे ये झुक और मुड़ सकती हैं। एंटेना के बाल गंध और स्वाद का पता लगाते हैं। अपने संयुक्त नेत्र से यह कीट हर दिशा में देख सकता हैं। इनमें पंखों के दो जोड़े होते हैं। ऊपर वाला पंखों का जोड़ा कड़ा होता है जो पीठ के ऊपर मुड़ा होने पर अपने नीचे वाले पंखों के जोड़े की सुरक्षा करता है। पैरों और टांगों में स्वाद सेंसर होता है। पेट के अंत का प्रयोग अंडे देने के लिए होता है।
टिड्डे का जीवन चक्र
आम रूप में कीटों का जीवन 4 चरणों का होता है – अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क। पर, टिड्डी की जिंदगी के तीन चरण होते हैं – अंडा, निम्फ़ और वयस्क। जब वे निम्फ की अवस्था में होती है तो वे दिखाई तो वयस्क टिड्डियों की तरह ही पड़ती हैं, पर प्रजनन नहीं कर सकती। हवा में उड़ने और प्रजनन और करने लिए उनका वयस्क होना जरूरी है।
खाने की शौकीन होती हैं टिड्डी
टिड्डी का पूरा जीवन खाने पर ही टिका होता है। बारिश होने पर टिड्डियों के लिए चारों तरफ खाना ही खाना इकट्ठा हो जाता है। लेकिन, जब बारिश बंद हो जाती है, तो भोजन की आपूर्ति भी रुक जाती है। ऐसी स्थिति में, टिड्डी के पास झुंड में रहने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होता। अब वे अपना सन्यासी जीवन छोड़कर समूह में रहने लगती हैं।
जीवन भोजन पर टिका
मौसम खराब होने पर एकांत पसंद टिड्डी खाने के लिए एक-दूसरे के ऊपर कूदने लगती हैं। भूखे रहने पर वे एक दूसरे को खाने से भी नहीं चूकते। जोर-आज़माइश में उनके पिछले पैर अच्छी तरह से विकसित हो जाते हैं। भूखा पेट उन्हें एकता की शक्ति का आभास कराता है और अब वे खाने की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह की ओर उड़ान भरती हैं।
हरेक टिड्डी अपने शरीर की लंबाई से 10 गुना ज्याद छलांग लगाने में सक्षम होती है। इस तरह से भोजन की खोज में ये टिड्डियां 1 दिन में 1 मील तक का सफर तय कर जाती हैं। यहां ये बात ध्यान रखें कि उछलने-कूदने की होड़ में इनके पिछले पैरों से जुड़ी मांसपेशियाँ कई गुना अधिक शक्तिशाली हो जाती हैं।
टिड्डियां सारा दिन उड़ती हैं, खाना खाती हैं। शाम ढलने के समय और हवा के ठंडे हो जाने पर वे पौधों पर चढ़ जाती हैं। अगले दिन जब सूर्य निकलता है तो पहले वे धूप में अपने आप को सेंकती हैं और फिर से पत्तियों को खाना शुरु कर देती हैं।
युवा निम्फ टिड्डी कुछ दिनों बाद वयस्क टिडडों में तब्दील जाते हैं। युवा वयस्क टिड्डों को फ़ेडलिंग कहा जाता है। इस अवस्था में उनके पास पंख होते हैं पर लंबी उड़ानों के लिए उनके पास उतनी हिम्मत नहीं होती। इसकी वजह यह है कि लंबी उड़ानों के लिए लगातार पंखों को फड़फड़ाने की आवश्यकता होती है, जिसके लिए उनके पास पर्याप्त ऊर्जा व शक्ति नहीं होती। इसलिए, वे शुरुआत में कुछ नज़दीकी उड़ानें ही लेते हैं। अंत में, निरंतर कोशिशों से उनकी मांंसपेशियां उड़ाने के लिए भरपूर मजबूत हो जाती है। ये टिड्डियां एक प्रकार की विशेष गंध छोड़ती हैं जिससे एक दूसरे के रास्तों का आसानी से पीछा कर सकती हैं।
चूंकि, उन्हें बिना रुके लंबी दूरी तक उड़ना रहता है, तो उनको पर्याप्त ऊर्जा और शक्ति की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि युवा वयस्क ज्यादा हरे पत्ते और अनाज खाते हैं। इसलिए, फेदलिंग टिड्डों का, निम्फ टिड्डों की तुलना में ज्यादा आहार रहता है। टिड्डी दल हजारों, लाखों या करोड़ों की तादाद में भी हो सकता है।
आखिर कितना भोजन करती है एक टिड्डी
हर टिड्डी एक दिन में अपने वजन के बराबर पौधे को खाती है। जब यह किसी खेत पर आक्रमण करती है तो पहले वहां आकर कुछ देर पहले ज़मीन पर बैठती है। उनमें से कुछ खाने के लिए उड़ जाते हैं। इस तरह से वे सभी उड़ान भरते हैं, पत्तियों को खाते हैं और खेतों पर चक्कर लगाते हैं। ये घास या हरे पौधे खाती है। एक लाख टिड्डियां अमूमन 500 लोगों के खाने के बराबर भोजन करती हैं। लेकिन, जब इनको भोजन नहीं मिलता तो ये खाने की तलाश में कई किलोमीटर की दूरी तय कर जाती हैं।
टिड्डियों का जीवन और प्रजनन काल
सामान्य तौर पर एक टिड्डी का जीवन काल 4 से 5 महीनों का ही रहता है। अपने लिए अनुकूल साथी भी इन्हें अपने झुंड में से ही मिल जाता है। महिला टिड्डे में एक नुकीली पूंछ होती है जिसके अंत में अंड इकट्ठा होते हैं। अंड संग्रह की जगह होने ये काफी बड़ा भी होता है।
मनचाहा साथी मिल जाने पर, मादा टिड्डी संभोग क्रिया के पश्चात अपने लिए एक नमी वाले स्थान की तलाश करके वहां अंडे देने के लिए एक छेद बनाती है। अंडे देने के बाद वह छेद को एक विशेष रसायन से ढंक देती है। इस रसायन के अंदर नए टिड्डों का जन्म होता है और वे वहां शिकारियों से बचे भी रहते हैं।
आमतौर पर टिड्डियां झुंड में एक ही समय में प्रजनन करती हैंं, अंडे देती हैं, और उन अंडों से नए टिड्डियों का जन्म होता है। इनमें से जो भाग्यशाली होते हैं, सक्षम होते हैं वे अपने आप को शिकारियों से बचा लेते हैं। इसके बाद, वे हर जीव की तरह पेट भरने के लिए भोजन की तलाश में निकल पड़ते हैं।
जीवन आसान नहीं
टिड्डी दल का जीवन हमेशा एक सा नहीं रहता। अच्छे दिन देखने के बाद उनका सामना बुरे दिनों से भी होता है। ठंडा वातावरण, अधिक बारिश, जहरीले रसायन उनकी आबादी को काफी कम कर देते हैं। आबादी कम होने पर टिड्डियां फिर से अपनी आबादी बढ़ाने के काम में लग जाती हैं। भोजन के लिए ये रात में अपनी यात्रा किया करते हैं।
वर्षा का मौसम आने पर बीजों का अंकुऱण होना शुरु हो जाता है। जो जल्दी ही बढ़कर पौधे बन जाते हैं। इससे टिड्डियों की आबादी फिर से बढ़ जाती है। पर, जब इनको खाना मिलना कम हो जाता है तो फिर से ये झुंड में आ जाती हैं और खाने की खोज में सुदूर स्थानों में उड़ान भरती हैं।
पसंद नहीं है नीम के पेड़ की पत्तियां खाना
यह देखा गया है कि टि़ड्डियां नीम की पत्तियों को नहीं खाया करती हैं। टिड्डियां नीम के पेड़ को छोड़कर बाकी सभी पेड़-पौधों की पत्तियों को खा जाती हैं। इसलिए, फ़सलों को टिड्डियों से बचाने के लिए नीम के रसायन का स्प्रे किया जाता है।
अगर आपको अपने क्षेत्र में टिड्डी दल नजर आए, तो उसके देखे जाने की जगह, दिनांक, समय, टिड्डियों के उड़ने की दिशा, उनके रूप-रंग और आकार की सटीक सूचना टिड्डी मंडल विभाग और सयाजी सीड्स प्रबंधन को दें जिससे सही समय पर इनको आगे बढ़ने से रोका जा सकें।
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Migratory locusts are destroying farming around the world. The locust breeding center in India is mainly the border area of Rajasthan and Gujarat connected with Pakistan.To avoid such a large outbreak of locusts, if we have the right knowledge of its life cycle, destruction can be avoided by adopting appropriate locusts control measures at the right time. The terror of locusts is so ingrained in the minds of farmers that all big and small people want to know about these locusts.
Locusts are so entrenched in the minds of farmers that it has become the topic of debate between farmers these days. Everyone wants to know about these locusts. To fulfil this curiosity of the people, Sayaji Seeds Management has tried to present the lifespan of locusts in an interesting manner here. Hope this information will help you in fulfilling your curiosity about locusts. Read on…
What is locust and locust-swarm
Locusts are a type of insect that usually likes to be left alone. But, they unite in trouble and form a group called the locust-swarm. When the autumn season comes and the plants dry up, they fly to another place in search of food. Locusts do not leave the fields laden with fruit, flowers and leaves until all its greenery are gone. Therefore, there are staunch enemies for farmers and farming.
Locust size and appearance
Locust is the only insect having 6 legs. It can be up to 5 cm long. An adult locust has long wings and can cover long distances by flying. Appears greenish-brown when it is alone. This color is used to hide them in trees. Locusts turn bright yellow when they become adults. Its back leg is used for whipping. When they are underdeveloped, they crawl behind the trees and hide themselves. At the same time, the back foot of an adult locust is helpful in looking around them. Locusts can travel long distances due to their long and powerful wings. Locusts are always seen in the swarm.
Locusts are flexible from the body
The whole body of a locust is divided into segments. Flexible tissues are attached to individual plates allowing them to bend. The hair of the antennae detects smell and taste. With your joint eye, you can see this insect in every direction. They have two pairs of wings. The upper wing pair is stiff. When it is folded over the back, it protects the pair of wings below it. The feet and legs have a taste sensor. The end of the stomach is used to lay eggs.
Locust life cycle
In general, insects have a life of 4 stages – egg, larva, pupa and adult. However, the locust has three stages of life – egg, nymph and adult. When they are in the state of nymphs, they appear like adult locusts, but cannot reproduce. They must be adult to fly in the air and reproduce.
Locusts are gourmet
The entire life of a locust depends only on food. Seeds germinate in the ground due to rain. This causes the plants to grow slowly, and in the end enough food is gathered for locusts. But, when the rain stops, the food supply also comes to a standstill. In such a situation, grasshoppers have no choice but to live in the swarm. Now it renounces her ascetic life and behaves like a sociable creature who follows the rules of the society.
Food is everything
When the weather is opposite, the secluded locusts jump on top of each other to eat. When they do not get food, they do not hesitate to eat each other. In this process of jumping, their hind legs become well developed. A hungry stomach makes them realize the power of unity. Now they unite and travel from one place to another in search of food.
Each locust is capable of jumping over 10 times its body length. The nymph locust chews, when it gets food.The rest of the locusts keep whipping. Looking for food in this way, these locusts travel up to 1 mile in 1 day. Here it is thrilling that the muscles connected to their hind legs become many times more powerful in the jumps.
Locusts fly, eat food all day. In the evening and when the air gets cold, they climb on the plants. The next day when the sun shines, first she takes sunbath in the sun and then starts eating leaves again.
Young nymph locusts turn into adult locusts after a few days. Young adult locusts are called fiddling. At this stage, they have wings but they do not have much courage for long flights. The reason for this is that long flights require frequent flapping of wings, for which they do not have that much energy and strength. Therefore, they only take a few short flights in the beginning. Finally, through constant efforts, their muscles become strong enough to fly. These locusts emit a distinct smell that can easily follow each other’s paths.
Since they have to fly long distances non-stop, they require sufficient energy. This is why young adults eat more green leaves and grains. Therefore, young locust eat more food than Nymph locusts. Locusts travel in groups called the locust-swarm. This locust-swarm can be in number of thousands, millions or even crores.
How much food does a locust eat
Each locust eats a plant equal to its weight in a day. When it attacks a farm, it first comes there and sits on the ground for some time. Some of them fly to eat. In this way they all take flight, eat leaves and roam the fields. They eat grass or green plants. One lakh locusts usually feed equal to 500 people. However, when they do not get food, they travel many kilometres in search of food.
Lifespan and reproduction of locusts
Generally a locust has a life span of 4 to 5 months. They also get suitable companions for themselves from this flock. The female locust has a pointed tail at the end of which the eggs are deposited. It is also large, being the place of egg collection.
After finding the desired mate, the female locust makes a hole to lay eggs there after finding a soft spot for her after mating. After laying the eggs, she covers the hole with her special chemical. New locusts are born in the favourable environment inside this chemical and they are also safe from predators there.
Nearly all locusts breed in the herd at the same time, lay eggs, and new grasshoppers are born from those eggs. Lucky of these, escape from the hunt of hungry predators and see the first ray of life. After this, like every creature, they set out in search of food to fill the stomach.
Life is not a bed of roses
The locust-swarm’s life is not always green. After seeing the good days, bad days also come. The cold environment, excess rain, spraying of toxic chemicals etc. significantly reduces their population. People do this to prevent their crops from eating locusts. Locusts tend to increase their population once the population is reduced. They travel at night for food.
Germination of seeds starts when the rainy season arrives. The seeds soon become plants. This causes the locust population to flourish again. However, when their sources of food start decreasing, they form flocks again and fly to distant places in search of food.
Dislikes eating neem tree leaves
The thing to note here is that locusts can eat the leaves of all trees and plants except neem trees. Hence, neem chemicals are sprayed to protect crops from them.
If you find locusts in your area, please give accurate information about the exact location of its whereabouts, date, time, direction of locusts flying, their color and size to the locust division and Sayaji Seeds. With this, these locusts can be controlled at the right time.
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