पौधों के विकास में सिंचाई का महत्व | Importance of Irrigation In Plant Development
आज के एपिसोड में हम आपको 🌱पौधों के विकास में सिंचाई के महत्व🌱 के बारे में बताएँगे। ✅
किसान बंधुओं – खेती-बाड़ी के लिए पानी बहुत जरूरी होता है। पानी अपने आप में फ़सलों की खुराक है। अगर पौधों को भरपूर पानी नहीं मिलेगा तो उन्हें जरूरी खनिज पदार्थ कहां से मिलेंगे। पानी डालने से फायदा यह भी होता है कि जो कीड़े-मकोड़े मिट्टी में छिपे होते हैं वह पानी पड़ते ही मर जाते हैं। बहता हुआ पानी, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और कार्बनिक एसिड आदि को लेकर पौधों तक पहुँचाता है।
अक्सर देखने को मिलता है कि पेड़ों तक पानी सतही तौर पर ही पहुंच पाता है। तो, खेती में पानी इस ढंग से डालें कि वह जड़ों तक ठीक तरीके से पहुंच जाए। इसके लिए खेत की मिट्टी को ढीला रखना जरूरी है। साथ ही, हर अठवाड़े पौधों की पत्तियों को पानी से भी साफ करते रहें।
👉वनस्पति विकास के चरण में पौधे में नमी की कमी होना👈
वनस्पति विकास के चरण में जब पौधे में नमी की कमी होती है तो उसका सबसे पहला प्रभाव पत्तियों और तनों की वृद्धि पर पड़ता है। पौधे अपना रंध्र बंद करके अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। ऐसी हालत में पौधे विकास के लिए जरूरी एंजाइम और प्रोटीन को बनाना कम कर देते हैं। मिट्टी में नमी की कमी बढ़ने से, पौधों को वाष्पोत्सर्जन के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। बाद में तापमान के गिरने पर जब हवा में ठंढक आ जाती है तो पौधे फिर से अपने रंध्रों को वाष्पोत्सर्जन के लिए खोल देते हैं। वानस्पतिक वृद्धि के दौरान पौधों में नमी की जरूरत मौसम के अनुसार बदलती रहती है। जैसे ठंड में वाष्पोत्सर्जन के लिए उतनी नमी की आवश्यकता नहीं होती है जितना की एक गर्म, या शुष्क मौसम में।
👉ज़मीन में कितना पानी दिया जाए👈
ज़मीन और मौसम को ध्यान में रखकर कम या ज्यादा पानी डालें। खेत में पानी डालते समय आप यह ज़रुर पता होना चाहिए कि आपके खेत की मिट्टी किस प्रकार की है। अगर आपके खेत की मिट्टी रेतीले तरह की है तो पानी टिकेगा ही नहीं। सीधे जड़ों से आगे निकल चला जाएगा। अगर आपके खेत की चिकनी मिट्टी है तो इसका उल्टा होगा। मिट्टी पानी से गीली रहेगी, जिससे नुकसान पेड़ों को ही होगा। इसलिए, खेतों में पानी इस ढंग से दें जिससे वो धीरे-धीरे करके ज़मीन में उतरे।
मकई की वनस्पति अवस्था के दौरान, दोमट मिट्टी में पानी की जरूरत उतनी नहीं होती है। इसका मक्के की पैदावार पर बहुत प्रभाव नहीं पड़ता। वनस्पति चरण में अगर धान में ज्यादा पानी होता है तो जुताई ठीक से नहीं हो पाती। धान के मामले में 5 सेमी तक पानी देना ठीक रहेगा।
👉पानी में लवणों की मौजूदगी👈
पानी में मौजूद लवणों की मात्रा और प्रकार का भी ध्यान रखना चाहिए। कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम जैसे घुलनशील घटक क्लोराइड, सल्फ़ेट, और बायोकार्बोनेट के रूप में होते हैं। जब कि बोरान, सेलेनियम, मोलिब्डेनम और फ्लोरीन जैसे आयनों की अधिक मात्रा खराब होती है।
👉जमीन में पानी कब देना चाहिए👈
पौधों को सवेरे और शाम को ही पानी देना चाहिए। अगर आप पानी दोपहर में डालेंगे तो वह जल्द ही भाप बनकर उड़ जाएगा। दूसरी बात यह है कि, सवेरे या शाम को पानी देने से पानी को ज़मीन में उतरने का समय मिल जाता है। गर्मी के मौसम में सुबेरे 6 बजे से लेकर 10 बजे तक और शाम को 4 बजे से लेकर 8 बजे तक ठीक रहेगा। वहीं ठंडी के मौसम में सुबह के समय 7 बजे से लेकर 12 बजे तक और दोपहर 2 बजे से लेकर 6 बजे तक सिंचाई करना ठीक रहेगा।
👉पानी की मात्रा कैसे बढ़ाएं👈
जैसे-जैसे झाड़ बढ़ता जाए, वैसे-वैसे पानी की मात्रा भी बढ़ाते जाएं। जिससे जड़ों के आसपास बराबर से तरी बनी रहे। आपका पौधा इससे स्वस्थ रहेगा।
👉वनस्पति विकास चरण में मकई में सिंचाई की आवश्यकता👈
वनस्पति विकास के चरण में अपने मृदा जल की निगरानी रखें। इस समय सिंचाई की सीमित आवश्यकता होती है। जहां दोमट मिट्टी में पानी की कम जरूरत होती है, वहीं रेतीली भूमि ज्यादा पानी की मांग करती है।
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Today, we will discuss the procedure and benefits of 🌱Importance Of Irrigation In Plant Development🌱. ✅
Water is very important for farming. Water is in itself a dose of crops. If plants do not get enough water, then how will they get the necessary minerals? The insects which hide in the soil die by drowning in water. The flowing water carries oxygen, nitrogen and organic acids etc. to the plants.
It is often seen that the water reaches the plants on the surface level. Therefore, water the field in such a way that it can reach the roots properly. For this, it is necessary to keep the soil of the field loose. Also, once a week, keep the leaves of plants clean with water.
👉Lack of moisture in the plant at the stage of vegetative growth 👈
When there is a lack of moisture in the plant in the stage of vegetative growth, its first effects on the growth of leaves and stems. Plants express their reaction by closing their stomata. In such a condition, plants reduce the production of enzymes and proteins necessary for growth. Due to increasing soil moisture deficiency, the plants do not get enough water for evaporation. Later on, when the air cools down after the temperature is dropped, the plants again open their stomata for evaporation. During vegetative growth, the moisture requirement of the plants varies according to the season. For example, evaporation in cold does not require as much moisture as in a hot, or dry season.
👉How much water should be given in the ground? 👈
Add more or less water keeping in mind the land and weather. While adding water to the field, you should know the soil of your farm. If the soil of your field is sandy then the water will not stop. Will pass straight through the roots. If your farm has smooth clay, it will be the opposite. The soil will remain wet with water, due to which the plants will be damaged. Therefore, water the fields in such a way that it slowly go into the ground.
During the vegetative stage of the corn, loam soil does not require much water. It does not have much effect on corn yield. If there is too much water in the paddy during the vegetative phase, plowing may not be done properly. In the case of paddy, giving water up to 5 cm would be fine.
👉Presence of salts in water 👈
The amount and type of salts present in water should also be taken care of. Soluble components such as calcium, magnesium, sodium are in the form of chloride, sulphate, and bicarbonate. An excess of ions such as boron, selenium, molybdenum, and fluorine are harmful to plants.
👉When should I give water to the ground? 👈
The plants should be watered in the morning and evening only. If you add water in the afternoon, it will soon evaporate. Secondly, watering in the morning or evening gives enough time for the water to percolate into the ground. In the summer season from 6 am to 10 pm and from 4 pm to 8 pm in the evening will be fine. At the same time, irrigating from 7 am to 12 pm in the morning and from 2 pm to 6 in the cold season would be suitable.
👉How to increase water content 👈
As the plant grows, you also increase the amount of water. So that there is moisture around the roots. Your plants will be healthy with this.
👉Need for irrigation in the vegetative growth phase in corn 👈
Monitor your soil water during the vegetative growth phase. At this time irrigation is less required. While loam soils require less water, on the other hand, sandy land demands more water.
So, whenever you water your crops, keep these things in mind. This will not cause any damage to your crops due to water.
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