गर्मियों में भिंडी की खेती। Okra Cultivation In Summer

कृषि साक्षरता सीरीज़

दोस्तों, भिंडी विटामिन ए, सी, जिंक, आइरन और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। यह कब्ज, हृदय रोग, मधुमेह और फेफड़े जैसे रोगों में लाभकारी है। भिंडी के अनगिनत स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए कई कंपनियां आलू चिप्स के विकल्प के रुप में भिंडी चिप्स तैयार कर रही हैं।

भिंडी एक गर्म जलवायु की फसल है। इस वीडियो में हम आपको बताएँगे, कि भिंडी की खेती में किन बातों का ध्यान रखा जाए जिससे आपकी खाद-पानी बीज की लागत आधे से भी कम हो जाए और आपको चार गुना मुनाफ़ा मिले।

भिंडी की खेती में ध्यान रखने योग्य बातें

1- भिंडी की खेती हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन, कार्बनिक पदार्थों वाली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है।

2- जब ठंडी खत्म होने लगती है और दोबारा शुरु होती है तो इसके बीच का सीजन भिंडी के उत्पादन के लिए सबसे अच्छा होता है।

3- किसान भाइयों, आप भिंडी की जल्दी तैयार होने वाली ऐसी प्रजातियों जैसे कि SAYAJI-2210, व SAYAJI-2211 का बीज खरीदें जो गर्मी और बरसात दोनों में ही एक अच्छी उपज दे सकें। भिंडी की अच्छी प्रजातियों में 40 दिनों में ही फूल आना शुरु हो जाते हैं।

4- नाली व मेड़बंदी विधि से भिंडी की खेती करने में लागत काफी कम आती है।

5- सूखे खेत को खरपतवार मुक्त और स्वस्थ रखने के लिए सिंचाई करने के तीन दिन पहले ग्लाइफोसेट दवा का छिड़काव करें।

6- जमीन को भुरभरी बनाने और कीट – रोग से बचाव के लिए, खेत की तैयारी करते समय 4-5 बार भूमि की जुताई करें।

7- पोषण के उद्देश्य से अंतिम जुताई के दौरान 25 टन एफवाईएम और 5-10 टन नीम केक डालें।

8- 1 किलो एजोस्पिरिलम और 1 किलो फास्फोरस सॉल्युबल बैक्टीरिया (पीएसबी) को 50 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ प्रति एकड़ के हिसाब से मिलाकर बोवाई करने से पहले खेत में मिला दें।

9- उर्वरक प्रबंधन की बात करें तो 54 किलोग्राम यूरिया, 500 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट और 150 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटेशियम की मात्रा को भूमि तैयार करने के दौरान मिट्टी में और 81 किलोग्राम यूरिया बुवाई के 30 और 60 दिन बाद के अंतराल पर दें ।

10- दो कतारों के बीच की दूरी 1.5 फीट रखें। पौधों को जगह देने से उसमें डालियां खूब अच्छे से आती हैं। जितनी ज्यादा डालियां, उतने ज्यादा फल। साथ ही, कम बीमारियाँ भी आएंगी।

11- भिंडी की तुड़ाई, बुवाई के 50 से 60 दिन के बाद की जा सकती है। भिंडी की तोड़ाई एक दिन के अंतराल पर करें, जिससे वो खाने लायक रहे।

सयाजी भिंडी की खासियतें

सयाजी भिंडी की खासियत इसमें मौजूद जिंक, आइरन, और फाइबर की प्रचुर मात्रा है। यह ज्यादा गहरे हरे रंग की होती है, और औसत भिंडी से इसमें बीज भी काफी कम होता है। SAYAJI-2211 भिंडी के बीज की बात करें तो 5 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज गर्मियों के लिए, और खरीब के लिए 3 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज पर्याप्त होता है। 15 से 16 टन प्रति हेक्टेयर भिंडी का उत्पादन लिया जा सकता है। सयाजी भिंडी की किस्म रोगों के प्रति भी प्रतिरोधी होती है।

साथियों, खेती में शत-प्रतिशत सफलता पाने के लिए फसल की बुवाई हमेशा समय से पहले करें जिससे मार्केट में किसी के पास आप जैसी फसल न होने से आपको अपनी फसल का मुंह मांगा दाम मिले।

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Okra is a good source of vitamins A, C, zinc, iron and fiber. It is beneficial in diseases like constipation, heart disease, diabetes and lungs. Seeing the countless health benefits of okra, many companies are making okra chips as an alternative to potato chips.

Okra is a summer crop. In this article, we will tell you what to take care of in okra cultivation so that your fertilizer-seeds cost less than half and you get huge benefits.

Things to keep in mind in okra cultivation

• Okra can be cultivated in all types of soil. However, loamy soil having organic matter is best.

• When the cold starts to end and starts again, then this middle season is best for the production of ladyfingers.

• You can buy quick-growing species of okra such as SAYAJI-2210, and SAYAJI-2211, which can give a good yield both in summer and in the rainy season. Good species of okra start flowering within 40 days.

• The cost of okra cultivation is reduced significantly through drainage and bunding method.

•Spray glyphosate medicine three days before irrigation to keep the dry field weed free and healthy.

• To make the soil friable and prevent from pest disease, plow the land 4-5 times while preparing the field.

• For the purpose of nutrition, add 25 tonnes of FYM and 5-10 tonnes of neem cake during the final plowing.

• Mix 1 kg of Azospirillum and 1 kg of phosphorus soluble bacteria (PSB) with 50 kg of rotten cow dung manure per acre before sowing.

• Give 54 kg of urea, 500 kg of single super phosphate and 150 kg of muriate of potassium in soil during land preparation and 81 kg of urea at 30 and 60 days after sowing.

• Keep the distance between the two queues of 1.5 feet. Plants come in very well by giving them space. The more branches, the more fruit. Also, fewer diseases will also occur.

• Harvesting of okra can be done 50 to 60 days after sowing. Pluck these ladyfingers at intervals of one day, so that they remain in good condition to eat.

Specialty of Sayaji Bhindi

The specialty of Sayaji okra is the abundant amount of zinc, iron and fiber present in it. It is more dark green in color, and has less seeds than the average okra. SAYAJI-2211 Okra seeds of 5 kg per acre of seed is sufficient for summer, and 3 kg per acre for Kharib. The production of okra can be taken from 15 to 16 tonnes per hectare. The variety of Sayaji Okra is also resistant to diseases.

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